Maharajganj

कालकोठरी के हुनर से उजली हो रहीं राते, एलईडी बल्ब बनाने का हुनर सीख रहे बंदी,रिहाई के बाद होंगे आत्मनिर्भर

 

महराजगंज टाइम्स ब्यूरो :- कालकोठरी में सज़ा काट रहे बंदी लोगों की ज़िंदगी मे उजाले के इंतजाम में जुटे हैं। जिला कारागार में कैदी एलईडी बल्ब बनाने का हुनर सीख रहे हैं और अब तक अब तक सौ से अधिक बल्ब इनके द्वारा  बनाया जा चुका है।
जिला जेल में कौशल विकास मिशन के तहत एक संस्था इन्हें एलईडी बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दे रही है। इसके लिए जेल प्रशासन ने तीन घंटे समय निर्धारित किया है जिसमें बंदी लगातार दक्ष हो रहे हैं।  जिला जेल में कई तरह के अपराधी मौजूद हैं। कई अपराधी प्रशासनिक आधार पर आए हुए है। उन्हें कौशल विकास मिशन के तहत जेल प्रशासन द्वारा एलईडी बल्ब बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। 

प्रशिक्षण के लिए जेल के एक बैरक में अलग से बनाया गया है वर्कशाप 

जिला जेल में प्रशिक्षण के लिए एक बैरक में वर्कशॉप भी बनाया गया है। उस वर्कशॉप में कैदी को बल्ब बनाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है।कैदी अब तक सैकड़ों बल्ब बना चुके हैं।
जेल अधीक्षक प्रभात सिंह ने बताया कि कौशल विकास के सहयोग से कैदियों को बल्ब बनना सिखाया जा रहा है।इसका मुख्य उद्देश्य ये है कि  समाज में इन कैदियों को मुख्यधारा में लाना तथा उनको बाहर जाकर  रोजगार की समस्या से मुक्ति दिलाना है।इसके अंतर्गत हमारे द्वारा वन जेल वन प्रोजेक्ट के तहत एलईडी बल्ब को चयनित किया गया है। बंदी इसके तहत प्रशिक्षण ले रहे हैं।यह खराब पड़े बल्ब को भी बना रहे हैं जो हमारे कारागार में यूज़ किया जाएगा। भविष्य में हम इसे मार्केट में उतारने पर विचार करेंगे।
इस दौरान कैदी ऋषिकेश ने बताया कि मैं 302 का मुल्जिम हूं। मुझे कौशल विकास मिशन के तहत रोजगार उपलब्ध कराने के लिए हुनरमंद बनाया जा रहा है। सजा पुरी होने के जब  हम बाहर आएंगे तब रोजगार की चिंता नहीं रहेगी।

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